कितने साल की होती है पॉलिसी
इस पॉलिसी की सबसे बड़ी खासियत डेथ बेनेफिट है. इसमें तीन तरह से पैसा पाने की सुविधा मिलती है. बीमाधारक की मृत्यु के बाद नॉमिनी को एक बार में पूरा पैसा मिल सकता है. दूसरा तरीका किस्तों का है जिसमें नॉमिनी को 5 साल, 10 या 15 साल पर एकमुश्त पैसा मिलता है. तीसरा विकल्प लममस राशि और किस्तों का होता है. इसमें कुछ हिस्सा लमसम और कुछ हिस्सा 5 साल, 10 साल या 15 साल पर दिया जाता है. बीमाधारक पॉलिसी लेते वक्त इन तीन में से किसी एक विकल्प का चयन कर सकता है. इस पॉलिसी में धूम्रपान न करने वालों को कम प्रीमियम चुकाने की सुविधा मिलती है. अगर यह पॉलिसी कोई महिला लेती है तो उसे भी प्रीमियम पर छूट मिलेगी.
कितना देना होगा प्रीमियम
इस पॉलिसी में अलग-अलग उम्र के लोगों के लिए अलग-अलग प्रीमियम निर्धारित है. कोई 21 साल का व्यक्ति अगर 20 साल की पॉलिसी लेता है तो उसे हर साल 6,438 रुपये जमा करने होंगे. 40 साल की पॉलिसी के लिए 8,826 रुपये देने होंगे. इसी तरह अगर कोई 40 साल का व्यक्ति 20 साल के लिए एलआईसी टेक टर्म प्लान लेता है तो उसे 16,249 रुपये प्रीमियम भरने होंगे. 40 वर्ष के लिए यह प्रीमियम 28,886 रुपये होंगे.
यह एक ऑनलाइन पॉलिसी है जिसे सिर्फ ऑनलाइन ही ले सकते हैं. एलआईसी की वेबसाइट पर जाकर यह पॉलिसी खरीद सकते हैं. यह पॉलिसी एक टर्म इंश्योरेंस की पॉलिसी है जिसके अंतर्गत बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है तो उसे सम एस्योर्ड का पैसा मिलता है. इसमें अन्य पॉलिसी की तरह कोई मैच्योरिटी का पैसा नहीं मिलता. पॉलिसी पीरियड के अंत तक बीमाधारक अगर जीवित रहते हैं तो उन्हें कोई पैसा नहीं मिलेगा.
डेथ बेनेफिट की सुविधाएं
- पॉलिसी के दौरान अगर बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है तो उनके नॉमिनी को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. लिमिटेड प्रीमियम और रेगुलर प्रीमिमय प्लान की सुविधाएं एक हैं जबकि सिंगल प्रीमियम में कुछ अंतर है.
- अगर बीमाधारक की मृत्यु होती है तो उनकी सालाना आय से 7 गुना ज्यादा नॉमिनी को मिलेगा
- जिस तारीख को बीमाधारक की मृत्यु होती है, उस तारीख तक कुल प्रीमियम का 105 परसेंट नॉमिनी को मिलेगा
- नॉमिनी को सम एस्योर्ड की पूरी राशि दी जाती है
सिंगल प्रीमियम का नियम
- बीमाधारक की मृत्यु होने पर सिंगल प्रीमियम का 125 परसेंट नॉमिनी को मिलता है
- मृत्यु होने पर सम एस्योर्ड की पूरी राशि नॉमिनी को दी जाती है
- यह पॉलिसी टर्म प्लान है, इसलिए बीमाधारक को कोई मैच्योरिटी अमाउंट नहीं मिलता.
No comments:
Post a Comment